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सफलता वो ढूढंन (find your success)

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 सफलता वो ढूढंन जब चला 

सफलता न मिलया कोय 

मन की सफलता प्राप्त हो 

जो तीन रूप में हो 

सुख, शांति, समृद्धि 





सुख तो ऐसे न मिल पाता 

कीमत को चुकाना पड़ता 

खुद को खुद से जगाना पड़ता 

तब जाके आजमाना पड़ता 

आजमाने की बारी जब आती 

कठोर परिश्रम तब जब  भाती

कहानी बिलकुल बदल सी जाती 

तब खुशियां झोली में आती 

झोली वो अनमोल है,

परिश्रम की अहमियत का मोल है।

अहमियत उसकी होती है 

जिसमे थोड़ी परिश्रम होती 

बिना परिश्रम के कुछ न मिलता 

परिश्रम ही सफलता की कुंजी होती।।।

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