शिक्षक वो जो हमें पढ़ाते
हमको तो इन्शा है बनाते
कुछ बातें हम कह जाते
बहुत कुछ बातें वो कह जाते
कोई ऐसी बात अगर लग जाती
जिंदगी हमारी बन जाती
जिनका दर्जा माता-पिता से बढ़कर होता
शिछा से भी बढ़कर है वो गुरु हमारे
शिछा हमारी अधूरी रह जाती
शिक्षक अगर जिंदगी में न आते
ऐसा एक अहसास अगर हो
उस अहसास से पढ़ाई में अव्वल आ जाते
तब बचपन की वो शिछा है याद आई
जब A B C D बहुत सताई
धीरे-धीरे शिछक ने कुछ बाते बताई
तब जाके 1,2 की गिनती है आई
ऐसे जो अहसान तुम्हारा
हे शिक्षक तुमको प्रणाम हमारा