Type Here to Get Search Results !

जब कोई परिवर्तन किसी में ढूढता है।

0

CHANGE YOUR LIFE


 जब कोई परिवर्तन किसी में ढूढता है।

कितना भी सोचो कुछ न कुछ तो छूटता है।

वो दोस्ती टूटती है।

वो रिस्ता छूटता है।

जब दर्द का चिराग लेकर मुझमे हर कोई विश्वास ढूढता है।

जिंदगी बदल जाएगी।

ऐसा एक ख्वाब देखता है।

सब कुछ मत्थे मढ़ दो मुझपे बहता हुआ पानी भी एक रास्ता ढूढता है।

एक दिन समुन्दर मिल जाएगा 

एक अँधेरा भी चिराग तले रोशनी ढूढता है।

वो अँधेरी रात छूटती है।

वो नकारात्मक बात छूटती है।

वो गली छूटती है।

वो घर छूटता है।

जब सफलता हमे ढूढती है।

और हम सफलता को ढूढता है।

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertise this